पुरे विश्व में इतनी वनस्पति विविधता है की आप हैरान रह जायेंगे और इसमें आपको न जाने कितने ही सुन्दर और प्यारे फूल वाले पौधे मिल जायेंगे सिर्फ भारत में ही आपको 18,000 से ज्यादा ऐसे पौधे मिल जाएंगे जिनमे बहुत ही खूबसूरत फूल आते है। भारत में जितने फूल वाले पौधे पाए जाते है वो विश्व में पाए जाने वाले सारे फूल वाले पौधे का 6 से 7 प्रतिशत है। आज हम इस लेख के जरिये आपको 50 flowers names in hindi & english में बताने जा रहे है।
सभी फूल अपने पीछे कुछ न कुछ राज छुपाए बैठे चाहे वह साहित्यिक , धार्मिक , वैज्ञानिक हो या औषधीय ये फूल वाले पौधे न सिर्फ वातावरण में अपनी सुंदरता बिखेरते है बल्कि अपने गुणों के लिए भी जाने जाते है , इनके विभिन्न प्रकार के आकार और सुगंध की हम जितनी प्रशंसा करें उतना कम है। फूलों का उपयोग हम अपने धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से करते है जहा हम अपने आराध्य को उनके पसंद के फूल अर्पित करते है , फूल वाले पौधे को हम अपने गार्डन और घर की शोभा बढ़ाने के लिए भी करते है।
फूल हमारे जीवन के हर कदम पर काम आते है चाहे वह भगवान पर अर्पित करने हो या , अपने प्रिय जन को अपना प्रेम प्रदर्शित करना हो या किसी को श्रद्धांजलि अर्पित करनी हो ये हमारी भावना को दर्शाने में हमारी मदद करते है , कुछ फूल दिखने में बेहद खूबसूरत होते है कुछ मीठी सुगंध से भरे होते है और कुछ हमारे खाने के लिए भी उपयुक्त होते है।
आइये अब बिना समय गंवाए कुछ बेहतरीन फूलों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में जानते है।
S.no | फूल | हिंदी नाम | अंग्रेजी नाम | वैज्ञानिक नाम |
1. | गुलाब | Rose | Rosa Rubiginosa | |
2. | लिली | Lily | Lilium | |
3. | कमल | Lotus | Nelumbo Nucifera | |
4. | गेंदा | Marigold | Tagetes | |
5. | सूरजमुखी | Sunflower | Helianthus Annuus | |
6. | चमेली | Jasmine | Jasminum | |
7. | गुलहड़ | Hibiscus | Rosa Sinensis | |
8. | सदाबहार | Periwinkle | Catharanthus | |
9. | ट्यूलिप | Tulip | Tulipa spp. | |
10. | मोगरा | Arabian Jasmine | Jasminum Sambac | |
11. | गुलबहार | Daisy | Bellis Perennis | |
12. | नीलकमल | Bluewater Lily | Nymphaea Caerulea | |
13. | रातरानी | Night Blooming Jasmine | Cestrum Nocturnum | |
14. | पलाश | Bastard teak | Butea Monosperma | |
15. | डहेलिया | Dahlia | Dahlia Pinnata | |
16. | मधुमालती | Rangoon Creeper | Combretum Indicum | |
17. | चंपा | Frangipani | Plumeria | |
18. | कनेर | Oleander | Nerium | |
19. | कामलता | Cypress Vine | Ipomoea Quamoclit | |
20. | अपराजिता | Butterfly Pea | Clitoria Ternatea | |
21. | बोगनविलिया | Bougainvillea | Bougainvillea Glabra | |
22. | रक्त केतकी | Bleeding Heart | Lamprocapnos | |
23. | चील | Bottle Brush | Callistemon | |
24. | हरसिंगार | Night Flowering Jasmine | Nyctanthes Arbor- Tristis | |
25. | बनफूल | Pansy | Viola Tricolor var.hortensis | |
26. | गुलदाउदी | Chrysanthemum | Dendranthema Grandiflora | |
27. | रजनीगंधा | Tuberose | Polianthes Tuberosa | |
28. | अमलतास | Golden Shower | Cassia Fistula | |
29. | पुटूश | Lantana | Lantana Camara | |
30. | रक्त लिली | Blood Lily | Scadoxus Multiflorus | |
31. | पीला कनेर | Yellow Oleander | Cascabela Thevetia | |
32. | धतूरा | Stramonium | Datura Stramonium | |
33. | दस बजिया | Purslane | Portulaca oleracea | |
34. | आर्किड | Orchid | Orchidaceae | |
35. | संक्रांत बेल | Flame Vine | Pyrostegia Venusta | |
36. | छुईमुई | Shame Plant | Mimosa Pudica | |
37. | मधुकामिनी | Orange Jasmine | Murraya Paniculata | |
38. | पश्चिम भारतीय चमेली | Ixora | Ixora Sinensis | |
39. | राजहंस | Laceleaf | Anthurium Andraeanum | |
40. | नर्गिस | Daffodil | Narcissus pseudonarcissus | |
41. | गुलमोहर | Royal Poinciara | Delonix Regia | |
42. | बनफशा का फूल | Sweet Violet | Viola Odorata | |
43. | खसखस | Poppy Flowers | Papaver Somniferum | |
44. | नागफनी | Prickly Pear | Opuntia Ficus-indica | |
45. | गुलखैरा | Hollyhocks | Alcea Rosea | |
46. | रेगिस्तानी गुलाब | Desert Rose | Adenium Obesum | |
47. | अबोली | Firecracker Flower | Crossandra Infundibuliformis | |
48. | कृष्णाकमल | Passion Fruit Flower | Passiflora | |
49. | जलकुम्भी | Water Hyacinth | Eichhornia Crassipes | |
50. | ब्रह्मकमल | Brahma Kamal | Saussurea Obvallata |
फूलों के नाम हिंदी और इंग्लिश में जानने के फायदे
फूलों के नाम हिंदी और इंग्लिश में जानने से उन लोगों को काफी फायदा होता है जो बागवानी के शौकीन है , वनस्पति विज्ञानं की पढ़ाई कर रहे है या फिर फूल पौधों के व्यापार से जुड़े हुए है। भारत वर्ष में कई भाषाएं बोली जाती है लेकिन आप कहीं भी हो हिंदी या इंग्लिश तो सभी जानते ही है तो Flowers Names In Hindi & English की जानकारी रखना आपके लिए ही सुविधाजनक होगा। चाहे आप पौधे अपने गार्डन के लिए खरीदने जा रहे हो या उसका अध्ययन करने निसंदेह आपको इससे लाभ प्राप्त होगा।
13 प्रसिद्ध Flowers Names In Hindi
गुलहड़
भारतीय बागो और घर के बगीचे में ये पौधा बहुत ही आम है , इस पौधे की लगभग 200 से ज्यादा प्रजातियां है और सबसे बेहतरीन बात ये है की ये बारहमासी पौधा है जो आपके गार्डन को साल भर फूलों से गुलज़ार रखेंगे। गुलहड़ के फूल विभिन्न रंगों में आते है जैसे की पीला , लाल ,बैंगनी , नारंगी ,गुलाबी। इस पौधे को लगाना और देखभाल करना बहुत ही आसान आप चाहें तो इसे गमले में भी लगा सकते है।
गुलहड़ को धुप पंसद है और उसकी अछि बढ़त के लिए आप एक अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का चयन करे। गुलहड़ के पौधे पर समय समय पर नीम के तेल और एप्सोम साल्ट का स्प्रे करें इससे इसकी पत्तियां हरी भरी और स्पाइडर माइट्स और एफिडस जैसे कीटों से भी बचे रहेंगे। गुलहड़ के पौधे में ढेर सारे फूल के लिए इसमें गोबर की खाद , कम्पोस्ट जैसे आर्गेनिक उर्वरक का प्रयोग करे।
मिट्टी | अच्छी जल निकासी वाली |
फूल खिलने का मौसम | गर्मी और बसंत |
पानी | हफ्ते में 2 बार |
कहां लगाएं | जहां पौधे को अच्छी धूप मिल सके |
भारत में कठोरता क्षेत्र | जोन 8 से 11 |
मूल क्षेत्र | उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय |
सदाबहार
सदाबहार का पौधा भारतीयों घरों में आपको आसानी से देखने के लिए मिल जाएगा जैसा की इसका नाम है ये पौधा पुरे साल आपको छोटे छोटे और सुन्दर फूल देता रहेगा , इस पौधे के पत्ते अंडाकार के और चमकीले होते है। सदाबहार के फूल आपको लाल , सफ़ेद , गुलाबी , बैंगनी , मैरून जैसे रंगो में देखने के लिए मिल जायेंगे। इसके तारे जैसे दिखने वाले फूल किसी का भी मन मोह सकते है , सदाबहार के पौधे आसानी से गमले या कंटेनर में उगाए जा सकते है ये पौधे ज्यादा बड़े नहीं होते।
सदाबहार के फूलों में औषधीय गुण पाए जाते है जिससे मसूड़ों के रोग और सांस से जुडी समस्याओं का उपचार किया जाता है। इस पौधे को लगाने के लिए एक गमला जिसके तले में छेद हो , अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी और जैविक उर्वरक की जरूरत होगी ये एक बहुत ही आसानी से लगाया जाने वाला पौधा है जिसे ज्यादा देखभाल की जरुरत नहीं पड़ती।
मिट्टी | अच्छी जल निकासी वाली |
फूल खिलने का मौसम | वसंत और शरद |
पानी | हफ्ते में 2 बार |
कहां लगाएं | दोनों जगह जहाँ थोड़ी धूप या अच्छी धूप आती हो |
भारत में कठोरता क्षेत्र | जोन 9 से 11 |
मूल क्षेत्र | यूरोप , वेस्टर्न एशिया और नार्थ अफ़्रीका |
धतूरा
हिन्दू मान्यताओं के हिसाब से धतूरे का फूल बहुत ही अहमियत रखता है यह पुष्प भगवान शंकर को अति प्रिय है , धतूरे के पौधे में तुरही के आकार के बड़े बड़े खुशबूदार फूल आते है अंग्रेजी में इस पौधे को मून फ्लावर भी कहते है क्योकि इसके फूल रात में ही खिलते है और इस पौधे में काटे नुमा फल भी आते है जिसके बीज जहरीले होते है। धतूरे के फूल तीन रंगों में आते है जिनमे सफ़ेद सब प्रसिद्ध रंग है इसके फूल काले और पीले रंग में भी आते है। धतूरे के बीज और पत्ते को सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो इसके कई औषधीय फायदे भी है।
मिट्टी | अच्छी जल निकासी वाली |
फूल खिलने का मौसम | गर्मी और शरद |
पानी | हफ्ते में 1 से 2 बार |
कहां लगाएं | दोनों जगह जहाँ थोड़ी धूप या अच्छी धूप आती हो |
भारत में कठोरता क्षेत्र | जोन 8 से 11 |
मूल क्षेत्र | उपोष्णकटिबंधीय और |
गुलाब
गुलाब के फूल हर किसी को पसंद आते है लोग इसके फूलों से आने वाली भीनी खुशबू से मानो मंत्रमुग्ध हो जाते है। आप इसके पौधों को थोड़ी देखभाल के साथ आसनी से अपने घर के गार्डन में लगा सकते है। कुछ लोगो को तो इस फूल से इतना प्रेम होता है की वो खास तौर सिर्फ रोज गार्डन ही तैयार करते है।
गुलाब के फूल आपको पीला , लाल , गुलाबी , सफ़ेद जैसे रंगों में मिल जायेंगे , इसकी पंखुड़ियों का इस्तेमाल कर लोग इत्र बनाते , इससे गुलकंद जैसे खाद्य प्रदार्थ भी बनाये जाते है। गुलाब की भी तरह तरह प्रजातियां होती जिसमे क्लाइंबिंग रोज शामिल है। गुलाब के पौधे को गमले में लगाने के लिए आपको एक अच्छी जल निकासी वाले गमले , रोज पॉटिंग मिक्स की जरूरत होगी और सिंचाई का आपको खास ध्यान रखना होगा।
मिट्टी | अच्छी जल निकासी वाली , उर्वरक उक्त |
फूल खिलने का मौसम | वसंत और शरद |
पानी | हफ्ते में 1 से 2 बार |
कहां लगाएं | जहां पौधे को अच्छी धूप मिल सके |
भारत में कठोरता क्षेत्र | जोन 4 से 11 |
मूल क्षेत्र | एशिया |
संक्रांत बेल
संक्रांत बेल जिसे आप फ्लेम वाइन के नाम से भी जानते है एक खूबसूरत बेल वाला पौधा है जिसमें छोटे तुरही के आकार के गुच्छे में नारंगी फूल आते है। लोग ज्यादा तर इस पौधे को अपने घर के बाहरी दीवार पर सजावट के तौर पर लगाते है , इसके भड़कीले चटक रंग के फूल आपके बगीचे को चार चाँद लगा देंगे , फ्लेम वाइन का पौधा 5 फ़ीट की ऊंचाई तक आराम से बढ़ सकता है। इस पौधे को आप आसानी से अपने घर के बगीचे में लगा सकते है इस बेल को सामान्य मिट्टी , सिंचाई का ध्यान और सीधी सूर्य की रौशनी की जरुरत होती है।
मिट्टी | अच्छी जल निकासी वाली |
फूल खिलने का मौसम | बसंत और गर्मी |
पानी | हफ्ते में 1 से 2 बार |
कहां लगाएं | जहां पौधे को 6 से 8 घंटे की अच्छी धूप मिल सके |
भारत में कठोरता क्षेत्र | जोन 10 से 11 |
मूल क्षेत्र | उष्णकटिबंधीय |
कनेर
कनेर का पौधा बारहमासी पौधा है जिसके दो किस्म आपको हर जगह देखने को मिल आते होने पीला कनेर और गुलाबी कनेर , लेकिन ये पौधा विषैला होता है। कनेर के पौधे को अक्सर लोग अपने गार्डन को एक अनोखा लुक देने के लिए करते है अगर आपका गार्डन क्षेत्र बड़ा है आप इस पौधे को बॉउंड्री वाल समानांतर लगा सकते है। अगर आप टेरेस गार्डनिंग को तवज्जो देते है तो आप इस पौधे को गमले में भी लगा सकते है बस आपको पौधे के लिए पोषक तत्वों से भरी अछि जल निकासी वाली मिटटी और एक बड़े गमले की जरुरत होगी। पौधे को ऐसी जगह रखे जा इसे 6 से 8 घंटे की अच्छी धूप मिले।
मिट्टी | अच्छी जल निकासी वाली |
फूल खिलने का मौसम | अंतिम वसंत से शरद |
पानी | हफ्ते में 2 बार |
कहां लगाएं | जहां पौधे को 6 से 8 घंटे की अच्छी धूप मिल सके |
भारत में कठोरता क्षेत्र | जोन 10 से 11 |
मूल क्षेत्र | मेडिटरेनियन क्षेत्र |
रातरानी
रातरानी एक बारहमासी पौधा है जिसमें साल में 6 से 7 बार फूल खिलते है , इस पौधे में छोटे छोटे सफ़ेद रंग के खुसबूदार फूल गुच्छे में खिलते है और शाम से इसके फूल खिलना शुरू हो जाते है और पूरी रात अपनी खुशबू बिखेरते है। इसकी मीठी सुगंध से तो कोई भी मंत्रमुग्ध हो सकता है। रातरानी का पौधा कटिंग से आसानी से लगाया जा सकता है।
इसके लिए आपको पौधे की टहनियों को 40 डिग्री एंगल पर काट कर पत्तियों को साफ करने के बाद 4 से 5 छोटी छोटी कलमे बना लेनी है फिर कलमों को काटे हुए सिरों को रूटिंग हॉर्मोन में डूबा कर एक अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में लगा कर थोड़ा पानी डाला कर छोड़ दे और मिट्टी सुखी लगने पर पानी देते रहे जब पौधे से पत्तिया निकलने लगे तो उसे बड़े गमले में लगा दे और ऐसी जगह पर रखे जहा इसे अच्छी धुप मिले।
मिट्टी | अच्छी जल निकासी वाली |
फूल खिलने का मौसम | बारहमासी |
पानी | हफ्ते में 2 बार |
कहां लगाएं | दोनों जगह जहाँ थोड़ी धूप या अच्छी धूप आती हो |
भारत में कठोरता क्षेत्र | जोन 9 से 11 |
मूल क्षेत्र | उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय |
छुई मुई
छुई मुई या फिर लाजवंती का पौधा बड़ा की अनोखा होता है इसकी पत्तिओ को छूते ही ये अंदर की तरफ बंद हो जाते है। इस पौधे को आप अपने गार्डन में कारपेट पौधे की तरह इस्तेमाल कर सकते है ये आपके गार्डन को हरियाली से भरते हुए आपके गार्डन को बड़ा ही अनूठा और जिवंत लुक प्रदान करेगा। समय समय पर लाजवंती के इस पौधे में आपको छोटे पॉम पॉम के आकार के गुलाबी फूल भी देखने को मिलेंगे ।
मेरी बात मानिये ये पौधा आपके बच्चों को बहुत पसंद आने वाला है। इस पौधे में कई तरह के औषधीय गुण भी पाए जाते है और इसकी पत्तियों का इस्तेमाल अनिंद्रा के इलाज़ में किया जाता है। अगर आप भी इस पौधे को लगाना चाहते है तो , सबसे आसान तरीका है इसे बीज द्वारा उगाना लेकिन लाजवंती के बीजों को मिट्टी में रोपने से पहले इसे रात भर पानी में भिगो कर रखे ताकि इसके ऊपर की सख्त परत निकल जाए।
मिट्टी | अच्छी जल निकासी वाली |
फूल खिलने का मौसम | गर्मी |
पानी | हफ्ते में 2 बार |
कहां लगाएं | दोनों जगह जहाँ थोड़ी धूप या अच्छी धूप आती हो |
भारत में कठोरता क्षेत्र | जोन 9 से 11 |
मूल क्षेत्र | उष्णकटिबंधीय |
कृष्णकमल
कृष्णकमल के पौधे को लोग पैशन फ्रूट प्लांट के नाम से भी जानते है , इस पौधे में अंडाकार फल आते है जिसके बीजों के ऊपर मिता गुदा होता है। इस पौधे में बेहद सुन्दर फूल भी आते है जो लाल और नीले रंग के होते है और ऐसे विचित्र फूल आपने पहले कभी नहीं देखे होंगे । ये एक बेल वाला पौधा है जिसको बढ़ने के लिए किसी सहारे की जरुरत होती है , इसकी बेल 15 फ़ीट तक की लम्बाई कवर कर सकती है।
कृष्णकमल का पौधा आपको आसानी से आपके नजदीकी नर्सरी में मिल जायेगा , इस पौधे की अच्छी बढ़त के लिए ये सुनिश्चित करे की इसे अच्छी धूप मिले और समय समय पर इसे जैविक खाद की भी जरुरत होगी , ध्यान रखे पौधे को पानी तभी दे जब इसकी मिट्टी की ऊपरी सतह छूने पर सूखी लगे , ज्यादा जल भराव से पौधे की जड़ों में सड़न शुरू हो सकती है और आपका पौधा मर भी सकता है।
मिट्टी | अच्छी जल निकासी वाली और पोषक तत्वों से भरपूर |
फूल खिलने का मौसम | बसंत और गर्मी |
पानी | हफ्ते में 2 बार |
कहां लगाएं | जहां पौधे को 6 से 8 घंटे की अच्छी धूप मिल सके |
भारत में कठोरता क्षेत्र | जोन 10 से 11 |
मूल क्षेत्र | साउथ अमेरिका |
कमल
कमल का फूल किसे नहीं पसंद अक्सर आपने इन पुष्पों को तालाब की शोभा बढ़ाते हुए देखा होगा , माँ लक्ष्मी का तो यह प्रिय पुष्प है। लेकिन की क्या आपको पता है आप इस पौधे को आसानी से अपने घर में भी उगा सकते है इसके लिए आपको एक बड़े से कंटेनर या गमले की जरुरत होगी। अगर आपको कमल की जड़ मिल जाए तो आपको इसे लगाने थोड़ी आसनी होगी अगर नहीं तो फिर आप इसे इसकी बीजों से ऊगा सकते है। ताज़ा कमल गट्टे को खाया भी जाता है।
मिट्टी | कीचड़ नुमा चिपचिपी |
फूल खिलने का मौसम | गर्मी से शरद |
पानी | हफ्ते में 2 से 3 बार |
कहां लगाएं | जहां पौधे को अच्छी धूप मिल सके |
भारत में कठोरता क्षेत्र | जोन 5 से 10 |
मूल क्षेत्र | एशिया , भारत और चीन |
मधुकामिनी
पौधे किसे नहीं पसंद आते और बात जब फूल वाले पौधे की हो तब तो लोग उनसे नज़ारे चुरा ही नहीं सकते मधुकामिनी भी कुछ इसी तरह का पौधा है इसके छोटे छोटे प्यारे सफ़ेद फूलों से इतनी मनभावन खुशबू आती है की आप अपनी सारी चिन्ताओ से मुक्त हो जायँगे , मधुकामिनी के पौधे में भर भर के फूल आते है और इसकी सुगंध भी दूर तक जाती है , इस पौधे को आप आसानी से अपने गार्डन बालकनी या टेरेस पर लगा सकते है।
इसके सुगन्धित फूल आपके बाग़ में चिडियो और तितलियों को भी आकर्षित करते है। मधुकामिनी के पौधे को लगाने के लिए नर्सरी से पौधा खरीद लाये और थोड़ी ही देखभाल से ये पौधा आपके बाग़ की शान बन जायेगा।
मिट्टी | अच्छी जल निकासी वाली |
फूल खिलने का मौसम | बसंत और गर्मी |
पानी | गर्मी में रोज और ठंड में हफ्ते में 1 बार |
कहां लगाएं | दोनों जगह जहाँ थोड़ी धूप या अच्छी धूप आती हो |
भारत में कठोरता क्षेत्र | जोन 9 से 11 |
मूल क्षेत्र | दक्षिण पूर्व एशिया |
चील
चील का पेड़ जिसे बोतल ब्रश ट्री के नाम से जाना जाता है एक बहुत ही जाना माना लैंडस्केपिंग पौधा है , आपने इस वृक्ष से लटकते सुन्दर और चटक लाल रंग के फूलों को जरूर देखा होगा इसके फूल दिखने में हूबहू किसी किसी बोतल ब्रश की तरह दिखते है और इसकी पत्तिया लम्बी और निकुली होती है और चीड़ के फलों जैसे दिखने वाले फल भी होते है।
बोतल ब्रश या चील के पेड़ को आप कटिगं से आराम से लगा सकते है ,जिसके लिए आपको पेड़ से एक स्वस्थ टहनी चुने और उससे 5 – 5 इंच की कुछ कलमे बना ले और उसे रूटिंग हॉर्मोन में डुबो कर उर्वरक मिलाई हुयी मिट्टी में आराम से लगा ले और जब कलमों में जड़े विकसित कर ले और उसमे आपको छोटी छोटी पत्तियाँ दिखने लगे उससे एक बड़े गमले में लगा दे। इस पौधे की देखभाल करना भी बहुत आसान है बस पानी और उर्वरक का ध्यान रहे।
मिट्टी | अच्छी जल निकासी वाली |
फूल खिलने का मौसम | बसंत और गर्मी |
पानी | गर्मी में रोज और ठंड में हफ्ते में 1 बार |
कहां लगाएं | जहां पौधे को अच्छी धूप मिल सके |
भारत में कठोरता क्षेत्र | जोन 9 से 11 |
मूल क्षेत्र | ऑस्ट्रेलिया |
कामलता
कामलता के पौधे को अंग्रेजी में साइप्रस वाइन के नाम से भी जाना जाता है , इस बेल वाले पौधे में मनमोहक छोटे तारे के आकार के फूल आते है इसके सिर्फ फूल ही सुंदर नहीं दिखते इसकी बेल में भी फ़र्न जैसी पत्तियाँ आती है जो दिखने में बहुत ही खूबसूरत लगते है और ये सदाबहार बेल बहुत जल्दी बढ़ती है और किसी भी आउटडोर , टेरेस या बालकनी गार्डन को एक अनोखा लुक देने में सक्षम होती है , लेकिन सरु की बेल आपके पालतू जानवर और बच्चों के लिए परेशानी खड़ा कर सकती है क्योकि ये विषाक्त हो सकती है।
इस बेल को बढ़ने के लिए किसी सहारे की जरुरत होती है लेकिन इसे कही लगाने से पहले एक बात का ध्यान जरूर रखे की इसे दूसरी जगह ले जाना अत्यंत कठिन होगा क्योकि इसकी बेल बहुत ही नाज़ुक होती है , बाकी इसमें कोई कीट नहीं लगते बस इसे अच्छी धूप और समय पर पानी मिलता रहे ये पौधा सालो साल आपके गार्डन की शोभा बढ़ाएगा।
मिट्टी | अच्छी जल निकासी वाली |
फूल खिलने का मौसम | गर्मी से शरद |
पानी | हफ्ते में 2 बार |
कहां लगाएं | जहां पौधे को अच्छी धूप मिल सके |
भारत में कठोरता क्षेत्र | जोन 10 से 11 |
मूल क्षेत्र | उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय |
अंत में
भारत देश फूलों की विविधता से भरा हुआ है जहाँ आपको विभिन्न रंग , आकार , सुगंध के फूल देखने को मिलेंगे। इस लेख के जरिये ऊपर दी गई सारी जानकारी और Flowers Names In Hindi & English और उनके साइंटिफिक नाम भी दिए गए है जिससे विद्यार्थियों को काफी सहायता मिल जाएगी। इसके साथ हमने आपको भारतीय घरों में जो सबसे ज्यादा प्रसिद्ध फूल वाले पौधे है उनकी भी जानकारी जैसे की उसकी देखभाल लगाने की विधि भी बताई है ।
चाहे वह भीमी खुशबू से भरी मधुकामिनी का पौधा हो या अपनी खूबसूरत लत्तर और फूलों से सबका मन मोहने वाली तरु की बेल या कामलता की बेल हमने 13 पौधों के बारे में संक्षेप में सारी जरुरी जानकारी प्रदान की है। उम्मीद है ये लेख आपको पसंद आया होगा और इसी तरह के और लेखों को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट फ्रेश स्टार्ट होम गार्डनिंग से जुड़े रहे।