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बदलते समय के साथ लोग ऑर्गेनिक फल और सब्ज़ियों से मिलने वाले गुणों और फायदों के बारे में जान रहे है जिसके चलते आर्गेनिक फल और सब्ज़ियों की डिमांड भी मार्किट में बढ़ गई है। अगर आप बाज़ार में मिलने वाले सब्ज़ियों से संतुस्ट नहीं है और यह सुनिश्चित करना चाहते है की आप पेस्टिसाइड रहित सब्ज़ियों का सेवन ही कर रहे है तो आप अपने घर पर ही किचन गार्डन को सेटअप कर सकते है जिसके लिए आप या तो अपने टेरेस या किचन की बालकनी का उपयोग कर सकते है ।
इस लेख के जरिये मैं आपको विस्तृत जानकारी दूंगा जिसे प्राप्त करने के बाद आप भी बहुत आसानी से अपना किचन गार्डन बना पाएंगे और जल्द ही उससे सब्ज़ियाँ भी निकालने लगेंगे। और आपको कुछ ऐसी सब्ज़ियों के बारे में भी जानकारी देंगे जिन्हें आप आसानी से मार्च के महीने में भी ग्रो कर सकते है।
अपना किचन गार्डन डिज़ाइन कैसे करे
कंटेनर गार्डनिंग – कंटेनर गार्डनिंग गार्डनिंग के ऐसे तरीके को कहते है जिसमे हम पौधे को सीधे जमीन में न लगाने के बजाय किसी डिब्बे , ग्रो बैग , या गमले में लगाते है।
हैंगिंग बास्केट गार्डनिंग – इस गार्डनिंग के तरीके में आप रस्सी से बंधे डिब्बों या फिर बास्केट का इस्तेमाल कर इसे अपनी इक्षानुसार जगह पर रस्सी के सहारे लटका देते है और उसमे पौधे को बड़ा करते है , इस तरीके से आप कम जगह में भी सब्ज़ियों को ऊगा सकते है।
वर्टिकल गार्डनिंग – लम्ब्वत् तरीके से किसी भी गार्डन को तैयार करना जैसे की घर के बाहर या अंदर की दीवारों पर या लंबे प्लांट स्टैंड में पौधों अथवा सब्ज़ियों को लम्ब्वत तरीके से लगाने को वर्टीकल गार्डनिंग बोलते है।
किचन गार्डन को डिज़ाइन करने के लिए सबसे पहले आपको एक जगह का चुनाव करना होगा जहाँ अच्छी सूर्य की रौशनी आती हो।
अगर आप अपने गार्डन को किचन की बालकनी या फिर किचन के खिड़की के पास सेटअप करना चाहते है तो आप छोटे डिब्बों का इस्तेमाल कर सकते है या फिर आप हैंगिंग बास्केट्स में भी पौधों को आसनी से लगा सकते है।
वॉल माउंटेड कंटेनर गार्डन भी आपकी बालकनी या तंग जगह जहां आसानी से धूप आती उस जगह के लिए उपयुक्त है आप बहुत ही आसानी से इस गार्डन में धनिया , स्ट्रॉबेरी , पुदीना , मेथी , लेटस ऊगा सकते है।
अगर आप टेरेस गार्डन सेटअप करना चाहते है तब आप अपनी अनुकूलता के हिसाब से कंटेनर गार्डनिंग , वर्टिकल गार्डनिंग, हैंगिंग कंटेनर गार्डनिंग या वॉल माउंटेड कंटेनर गार्डनिंग का चयन कर सकते है।
किचन गार्डनिंग में इस्तेमाल होने वाली जरुरी चीजे –
मिट्टी – एक अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी यह सुनिश्चित करेगी की आपके पौधे स्वस्थ रहे अच्छे तरीके से बढे और आप उस पौधे से अच्छी फसल निकाल सके। बाज़ार में आपके लिए पॉटिंग मिक्स पहले से ही उपलब्ध है लेकिन कई पॉटिंग मिक्स में पहले से हानिकारक रासायनिक मिश्रित होते है आप उनके इस्तेमाल से बचे। आप आसानी से घर पर ही गोबर , सरसों की खली , वर्मी कम्पोस्ट जैसे जैविक खाद के इस्तेमाल से बेहतरीन पॉटिंग मिक्स तैयार कर सकते है।
एक बेहतरीन पॉटिंग मिक्स तैयार करने के लिए खाद , रेत और मिट्टी को मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर ले।
पॉट , कंटेनर या ग्रो बैग – इसका चयन आपके द्वारा लगाए जाने वाले पौधे पर निर्भर करता है अगर आप बड़ा पौधा लगाना चाहते है तो बड़ा पॉट या कंटेनर का चुनाव सही रहेगा।
जैविक खाद – जैविक खाद के इस्तेमाल से आपका पैदावार ऑर्गेनिक होगा यानी की हानिकारक रसायनों से मुक्त , जैविक खाद धीरे धीरे मिट्टी में पोषक तत्व रिलीज़ करते है यानि की आपके प्यारे पौधों को लम्बे समय तक पोषक तत्व मिलते रहेंगे और आपकी फसल उत्तम क्वालिटी की आएगी।
आप इनमें से किसी भी जैविक खाद का इस्तेमाल कर सकते है –
- नीम की खली
- सरसो की खली
- गोबर की खाद
- चाय पत्ती की खाद
- फलों और सब्ज़ियों के छिलके से बने कम्पोस्ट
- बोन मील
उत्तम क्वालिटी के बीज / पौधे – हाई क्वालिटी का बीज यह सुनिश्चित करेगा कि आपका पैदावार भी उत्तम क्वालिटी का ही होगा कुछ बीजों को सीधे आप कंटेनर में बो सकते है लेकिन कुछ बीजों के लिए आपको सीडलिंग ट्रे की जरुरत पड़ेगी जहा आप बीज को अंकुरित होने तक रखते है और फिर जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाए तब आप उसे किसी बड़े कंटेनर में रोप सकते है। बेल वाली सब्जियों के बीज को आप सीधे कंटेनर में डाल कर ग्रो कर सकते है बस पौधे के बढे होते ही उसे छत , दीवार या किसी डंडे का सहारा दे दे।
किचन गार्डन के लिए गर्मियों में उगाई जाने वाली कुछ मज़ेदार सब्ज़िया –
1. टमाटर
अगर आप भी इस बात से परेशान रहते है की क्या बाजार में मिलने वाले टमाटर हानिकारक रसायन रहित है या नहीं तो आप घर पर ही रसीले ऑर्गेनिक टमाटर ऊगा सकते है। आप घर में रखे टमाटर के बीजों का भी उपयोग कर सकते है। दोमट मिट्टी टमाटर उगाने के लिए उपयुक्त मिट्टी है बीज या पौधा लगाने से पहले मिट्टी को भुरभुरा कर अच्छे से सूखा ले।
टमाटर के बीजों को मिट्टी में 2 -3 इंच अंदर तक बोये। फिर गमले की मिट्टी में पानी डाले और समय समय पर जैविक खाद का इस्तेमाल करें। गमले को ऐसी जगह रखें जहां पौधे को अच्छी खासी धूप मिले , और पानी भी सुबह या शाम के वक्त हफ्ते में 2-3 बार दे।
2. खीरा
गर्मियों के दिनों खीरा खाने को मिल जाए तो मानो आनंद आ जाता है , खीरा पोषक तत्वों से भरा होता है और इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते है, आप खीरा बड़ी आसनी से अपने घर पर बिना किसी मुश्किल के ऊगा सकते है, खीरे की खेती करने का उत्तम समय फरवरी से मार्च और जून से जुलाई है, घर पर कंटेनर या गमले में खीरा लगाने के लिए आप बाज़ार से हाई क्वालिटी के हाइब्रिड बीज ही ले कर आये जिससे की आपको बिना किसी ज्यादा देखभाल के ज्यादा से ज्यादा पैदावार मिल सके एक बढ़िया पोटिंग मिक्स तैयार करने के लिए मिट्टी
गोबर की खाद और रेत को मिला कर एक मिश्रण तैयार कर ले अब मिट्टी में लगभग एक इंच छेद कर उसमें बीज रोपण करे और ऊपर से हल्की ,मिट्टी डाल कर पानी से मिट्टी को भिगो दे अगर एक गमले में 2 -3 से ज्यादा पौधे निकल आये तो उन पौधों को दूसरे गमले में लगा दे गमले को ऐसी जगह पर रखें जहां उसे पर्याप्त धूप और छाँव दोनों मिले और समय समय पर पानी का मिल ध्यान रखे।
3. करेला
करेला कड़वा तो होता है लेकिन पोस्टिक गुणों से भरपूर होता है ,करेला लगाने से पहले इस बात को अवश्य जान ले की इसकी बेल 150 से 190 इंच तक लंबी हो सकती हैं , बड़े होने के बाद आपको इसे समय समय पर काटने की आवश्कयकता पड़ेगी अंकुरित होने के बाद इसे तैयार होने में लगभग 1 महीने का समय लगता है
करेला एक बेल वाला पौधा है जिसे ऊपर की तरफ बढ़ने के लिए सहारे की जरुरत पड़ती है आपको इसे जाली , रस्सी या डंडे का सहारा देना होगा , पौधे को तभी पानी दे जब इसकी मिट्टी छूने पर सुखी लगे और पौधे को पानी सुबह या शाम के समय ही दे , वैसे तो जैविक उर्वरक मिट्टी में शुरुआती तौर पर ही डालना उचित रहेगा लेकिन आप चाहे तो बाद में भी कम्पोस्ट का इस्तेमाल कर सकते है।
4. पालक
किचन गार्डन में आप आसानी से बिना किसी परेशानी और ज्यादा देखभाल के पालक ऊगा सकते है , इसके लिए आपको ज्यादा बड़े जगह की जरुरत भी नहीं पड़ेगी बस आप छोटे कंटेनर का चयन करने से बचे , पालक उगाने के लिए ढीली मिट्टी का चयन करे सख्त मिट्टी में पालक की बढ़त नहीं हो पाएगी , इसे समय समय पर आवश्यकतानुसार पानी देते रहे लेकिन गमले या कंटेनर में जलभराव की स्थिति न आने दे।
घर पर पालक उगाने के लिए आपको किसी खाद या उर्वरक की जरुरत नहीं पड़ेगी, फिर भी आपका मन करे तो आप घर के पर बने हुए लिक्विड फ़र्टिलाइज़र जैसे की चायपत्ती का पानी / चुकुन्दर के रस का इस्तेमाल कर सकते है। एक बार बीज बोने के बाद आप लगातार उसी पौधे से 7 -10 बार तक फसल निकाल सकते है।
5. भिंडी
गर्मियों में भिंडी की फसल बहुत ही अच्छी आती है। आप इसे आसानी से अपनी बालकनी या टेरेस पर ऊगा सकते है। आप भिंडी की फसल को फरवरी से जुलाई तक लगा सकते है , बीज बोने के लगभग 2 महीने के भीतर ही आप इसका लुफ़्त उठा सकते है , गमले में भिंडी के लिए जो मिट्टी तैयार करें उसमें उचित अनुपात में NPK खाद का प्रयोग करें , भिंडी के बीज को मिट्टी में लगभग 1 इंच की गहराई में लगाए , गमले में पानी देते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि उसमें अधिक जलभराव न होने दे , महीने में एक बार लिक्विड जैविक फ़र्टिलाइज़र का प्रयोग करे।
6. स्ट्रॉबेरी
ग्रीन हाउस में पूरे वर्ष स्ट्रॉबेरी की खेती की जाती है , अगर आप भी एक ठंडी जलवायु वाले जगह पर रहते है तो आप पूरे वर्ष इसका लुफ्त उठा सकते है , इसके लिए आपको अच्छी जल्द निकासी वाली रेतीली मिट्टी की जरूरत होगी , स्ट्रॉबेरी के पौधे के आस पास आपको मल्चिंग करना अनिवार्य है। इसकी वजह से मिट्टी में उगने वाले अन्य खरपतवार जो पौधे को नुकसान पहुचायेंगे वो नहीं उग पाते। जब स्ट्रॉबेरी लगभग लाल दिखने लगे उसके बाद ये काटने के लिए तैयार हो जाते है।
7. पुदीना
पुदीना किचन में उगाने के लिए के लिए सबसे आसान और रोजमर्रा में काम में आने वाली चीज है क्योंकि ऐसा कौन ही होगा जिसे चटनी और शरबत में पुदीना न पसंद हो , अगर आपके पास पहले से से पुदीना पड़ा है तो आप इसे आसानी से पानी में उगा सकते है बस पुदीने के कटिंग को ले ले और निचले डंठल से सारे पत्ते साफ़ कर ले और फिर उसे पानी से भरे गिलास में डूबा दे और समय समय पर पानी को बदलते रहे
अगर आप इसे मिट्टी में ग्रो करना चाहते है तो इसके लिए अच्छी जल निकासी वाली और पोषक तत्वों से परिपूर्ण मिट्टी का प्रयोग करे और पानी देते वक्त इस बात का जरूर ध्यान रखे की मिट्टी चिपचिपी न हो पाए। उर्वरक के तौर पर आप गोबर की खाद , वर्मी कम्पोस्ट आदि का इस्तेमाल कर सकते है।
8. धनिया
धनिया पत्ती किसी भी व्यंजन में स्वाद बढ़ा देती है और आर्गेनिक तरीके से घर पर उगाई गई धनिया पत्ती का मजा ही अलग होगा , सबसे पहले आप धनिया के बीजो को रात भर पानी में डूबा कर छोड़ दे उसके बाद एक बढ़िया क्वालिटी की उपजाऊ मिट्टी तैयार करने के लिए 50 % मिट्टी और 50 % गोबर की खाद का उपयोग करे
किसी कंटेनर या गमले में मिट्टी को को भरने के बाद 1-2 इंच की दुरी पर बीजो की बुआई करे और ऊपर से थोड़ी मिट्टी और दाल करे बीजो को ढक दे और थोड़ा सा पानी स्प्रे करे और अपंने किचन के विंडो सिल्ल पर रख दे , 40 से 50 दिनों के अंदर आपकी धनिया पत्ती काटने के लिए तैयार हो जाएगी।
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